Kavita Jha

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एक डोर में सबको बांधती,वो हिंदी है, लेखनी कविता प्रतियोगिता# आधे-अधूरे मिसरे-25-Jul-2023

कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
तुम्हारे जख्मों को कोई यूं ही नहीं सिलता 
अपने स्वार्थ पर ही तुमको लोग याद  करेंगे 
मतलब खत्म होने के बाद तुम्हें छोड़ चलेंगे
अगर उम्मीद अधिक तुम किसी से रखोगे
खामियाजा उसके पूरा न होने का भरोगे
तुम्हारी राहों में यह फूल यूं ही नहीं बिछता 
बिन कोशिश किए राहों से कंकर नहीं हिलता
कभी किसी को मुकम्मल जहांँ नहीं मिलता
 
कविता झा'काव्य'अविका
#लेखनी
#आधे अधूरे मिसरे/प्रसिद्ध पंक्तियां 

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खूबसूरत भाव और संदेश

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